78 वर्षीय बुजुर्ग मुरलीधर पटेल ने कहा कि महज 11 वर्ष की उम्र में ही गाना बजाना सीखा गये थे. पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं थे. जिस कारण यही वाद्ययंत्र मनोरंजन का साधन हुआ करते थे. जो हमारी युवा पीढ़ी की संस्कृति से जोड़ने मे सहायक है
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इस गांव में ग्रमीण करते हैं साल भर भजन-कीर्तन… ताकि न हो जीव हिंसा और युवा हों
