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लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के द्वारा ‘अबकी बार,400 पार’ का नारा दिया गया था। पीएम मोदी ने भी अपने भाषणों में इसका जिक्र किया। हालांकि नतीजों में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। भगवा पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी 272 के आंकड़े को भी नहीं छू सकी। हालांकि, एनडीए को बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रहे। सरकार बनने के बाद अब चुनाव नतीजों की समीक्षा की जा रही है।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने हाल ही में कहा कि बीजेपी के ‘अबकी बार, 400 पार’ का नुकसान हुआ है। उनके बयान का सरकार में शामिल जेडीयू ने भी समर्थन किया है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, “हमारे द्वारा लगाए गए 400 पार के नारे का विपक्षी दलों के द्वारा संविधान बदलने से जोड़कर घोर दुरुपयोग किया गया।”
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इस नारे के जोर पकड़ने से संविधान बदलने और आरक्षण हटाने को लेकर लोगों में आशंका घर करने लगी थी। मुख्यमंत्री शिंदे ने मुंबई में एक बैठक में कहा, “हमें विपक्ष द्वारा 400 पार के नारे के बारे में गढ़ी गई झूठी कहानी के कारण कुछ स्थानों पर हार का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र में भी हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।”
उन्होंने कहा कहा कि ”400 पार” के नारे के कारण लोगों को लगा कि भविष्य में संविधान बदलने और आरक्षण हटाने जैसे मुद्दों पर कुछ गड़बड़ हो सकती है।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा ने 9 मिले। बिहार की बात करें तो यहां जेडीयू और बीजेपी दोनों ने ही 12-12 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, एनडीए की सहयोगी और चिराग पासवान की लोजपा और जीतन राम मांझी की पार्टी को एक सीट पर सफलता मिली।