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शशिकला ने राजनीति में दोबारा एंट्री का ऐलान किया: बोलीं- AIADMK को पुनर्जीवित करूंगी, 2026 में तमिलनाडु में अम्मा की सरकार बनेगी

चेन्नई59 मिनट पहले

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शशिकला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से वादा किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में AIADMK की सत्ता में वापसी होगी। - Dainik Bhaskar

शशिकला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से वादा किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में AIADMK की सत्ता में वापसी होगी।

लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में AIADMK एक भी सीट नहीं जीत पाई। इस हार के बाद रविवार को जे जयललिता की करीबी रहीं वीके ससिकला ने पॉलिटक्स में दोबारा एंट्री का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अभी AIADMK की कहानी खत्म नहीं हुई है, अभी तो मेरी शुरुआत हो रही है। शशिकला लंबे समय से राजनीति से दूर थीं।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से वादा किया कि 2026 के विधानसभा चुनावों में AIADMK की सत्ता में वापसी होगी। उन्होंने कहा कि हम 2026 में अम्मा (जयललिता) की सरकार बनाएंगे, वो भी पूर्ण बहुमत के साथ। अब वक्त आ गया है, घबराने की बात नहीं है। तमिलनाडु की जनता हमारे साथ है। मैं इस वक्त मजबूत हूं।

लोकसभा चुनावों में हार को लेकर शशिकला ने कहा कि कुछ स्वार्थी लोगों की वजह से हमारी हार हुई है। मैं चुपचाप यह सब देखती आ रही हूं। AIADMK फाउंडर एमजी रामचंद्रन के सिद्धांतों का हवाला देते हुए शशिकला ने कहा कि MGR लोगों को माफ करने और साथ लेकर आगे बढ़ने में यकीन करते थे। यही रास्ता मैं अपनाने वाली हूं।

जयललिता की सबसे करीबी थी शशिकला, मंत्री उनके ऑर्डर पर काम करते थे
शशिकला का जन्म 1954 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले के मन्नारगुड़ी में हुआ था। शशिकला का परिवार प्रभावशाली कल्लार समुदाय और जमींदार होने के बावजूद अमीर नहीं था। शशिकला की शादी 1973 में एम नटराजन से हुई थी। नटराजन तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर थे। उनकी शादी में तब के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि शामिल हुए थे। 1976 से 1980 तक नटराजन बेरोजगार हो गए थे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई थी।

1980 में नटराजन तमिलनाडु के साउथ अर्कट जिले की DM वीएस चंद्रलेखा के PRO बन गए। चंद्रलेखा तमिलनाडु के तब के मुख्यमंत्री MG रामचंद्रन की करीबी मानी जाती थीं। इस पॉलिटिकल कनेक्शन की वजह से ही शशिकला की मुलाकात जयललिता से हुई, जो आगे चलकर जीवन भर की दोस्ती में बदल गई। उस समय जयललिता एक उभरती हुई स्टार और MG रामचंद्रन की करीबी थीं।

1987 में रामचंद्रन की मौत के बाद उनकी पार्टी AIADMK पर कब्जे के लिए जयललिता और रामचंद्रन की पत्नी जानकी आमने-सामने आ गए और पार्टी दो धड़े में बंट गई। रामचंद्रन के परिवार ने जयललिता को किनारे लगाने की कोशिश की। इस दौरान शशिकला जयललिता के साथ हर मोर्चे पर मजबूती से डटी रहीं।

आखिरकार 1989 में जानकी ने AIADMK पर दावा छोड़ दिया और पार्टी की कमान जयललिता के हाथों में आ गई। इसके साथ ही शशिकला और नटराजन की जयललिता के पोएज गार्डन स्थित घर ‘वेद निलयम’ में एंट्री हो गई। हालांकि, 1990 में नटराजन को जयललिता को डॉमिनेट करने की कोशिश में घर से बाहर कर दिया गया।

1991 में हुए विधानसभा चुनावों में AIADMK जीत के साथ सत्ता में आई और जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं। जयललिता के मुख्यमंत्री बनने के बाद AIADMK और तमिलनाडु की राजनीति दोनों में शशिकला का कद और ताकत दोनों तेजी से बढ़े। कहा जाता है कि शशिकला उस समय इतनी पावरफुल हो गई थीं कि CM तो जयललिता थीं, लेकिन उनके सरकार के मंत्री शशिकला के ऑर्डर पर काम करते थे।

भतीजे की वजह से शशिकला और जयललिता के रिश्ते में दरार आई
इन दोनों की रिश्तों में दरार 1995 में शशिकला के भतीजे वीएन सुधाकरन की वजह से आई। सुधाकरन को 1995 में जयललिता ने गोद लिया था। 1995 में सुधाकरन की शादी में करोड़ों रुपए खर्च हुए। इस शादी में खर्च हुए पैसों के बाद ही जयललिता और शशिकला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इसका असर ये हुआ कि 1996 में हुए विधानसभा चुनावों में जयललिता की AIADMK को करारी शिकस्त मिली। 1996 में जयललिता ने सुधाकरन को बेदखल कर दिया।

1996 में जयललिता ने पहली बार शशिकला से दूरी बनाने का ऐलान किया। तभी शशिकला भ्रष्टाचार के आरोपों में अरेस्ट हो गईं। 10 महीने जेल में रहने के बाद जब वह वापस लौटीं तो जयललिता और उनकी दोस्ती फिर से ट्रैक पर आ गई।

दिसंबर 2011 में जयललिता ने उनके खिलाफ साजिश रचने की खबर मिलने पर शशिकला और उनके पति नटराजन और भतीजे सुधाकरन और रिश्तेदारों समेत 13 लोगों को अपने घर और पार्टी से निकाल दिया। फिर मार्च 2012 में ही शशिकला की लिखित माफी के बाद जयललिता के घर और पार्टी में वापसी हो गई।

जयललिता की मौत के पीछे शशिकला पर संदेह उठा

जयललिता की मौत के बाद AIADMK ने शशिकला को विधायक दल का नेता चुना था। तस्वीर उसी वक्त की है।

जयललिता की मौत के बाद AIADMK ने शशिकला को विधायक दल का नेता चुना था। तस्वीर उसी वक्त की है।

5 दिसंबर 2016 को जयललिता की मौत के बाद 29 दिसंबर 2016 को शशिकला को AIADMK का महासचिव चुन लिया गया। CM पद पर ताजपोशी की तैयारी में फरवरी 2017 में शशिकला को AIADMK की नेता चुन लिया गया, लेकिन 14 फरवरी 2014 को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को 4 साल जेल की सजा सुना दी।

जेल जाने से पहले शशिकला ने पलानीसामी को CM नियुक्त कर दिया था। पलानीसामी और अन्य मंत्रियों ने शशिकला के खिलाफ विद्रोह करते हुए सितंबर 2017 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया। शशिकला इसके खिलाफ कोर्ट भी गईं, लेकिन सफल नहीं हुई।

जनवरी 2021 में शशिकला जेल से रिहा हुईं, लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा रह गया। 2021 के विधानसभा चुनावों में AIADMK की हार हुई और DMK की सत्ता में वापसी के साथ फिलहाल मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हैं।

इसके बाद अक्टूबर 2022 में तमिलनाडु सरकार ने जयललिता की मौत की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। इस रिपोर्ट में शशिकला की भूमिका पर संदेह जताया गया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता (अम्मा) और शशिकला (चिनम्मा) के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे। इसलिए अम्मा की मौत को नेचुरल डेथ की बजाय इसे क्राइम मानकर जांच कराई जाए। कमेटी ने उनकी मौत की डिटेल इन्वेस्टिगेशन की सिफारिश भी की थी।

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