Sign Up to Our Newsletter

Be the first to know the latest updates

जन जन की आवाज 
जन जन की आवाज 
विदेश

स्विटजरलैंड के यूक्रेन पीस समिट में शामिल होंगे 90 देश: रूस ने हिस्सा लेने से किया इनकार, भारत का रुख अभी तक साफ नहीं

बर्न10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
यूक्रेन पीस समिट में अब तक 90 देशों ने शामिल होने की हामी भर दी है। - Dainik Bhaskar

यूक्रेन पीस समिट में अब तक 90 देशों ने शामिल होने की हामी भर दी है।

रूस और यूक्रेन के बीच जंग के 28 महीने पूरे होने वाले हैं। इस जंग को खत्म करने से जुड़े विकल्पों पर चर्चा करने के लिए स्विटजरलैंड में 15 और 16 जून को यूक्रेन पीस समिट का आयोजन होगा। इसके लिए 90 देशों और अनेक संगठनों के नेता और अधिकारी एक मंच पर इकठ्ठा होंगे।

न्यूज वेबसाइट अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने इस सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने सोमवार को कहा कि रूस के इन्कार करने के बावजूद सम्मेलन का आयोजन होगा।

राष्ट्रपति एमहर्ड ने कहा कि यह कोई दुष्प्रचार का मंच नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य शांति लाना है। यह स्विटजरलैंड द्वारा मुहैया कराई जा रही मानवीय सहायता के मुद्दे पर और वार्ता की पहल करने के बारे में है।

एमहर्ड ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले लगभग आधे देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस समेत अन्य बड़े संगठनों के अधिकारी भी इसका हिस्सा बनेंगे। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने इस सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उनकी जगह अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इस समिट में शामिल होंगी।

रूस ने यूक्रेन पीस समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। रूस का आरोप है कि स्विटजरलैंड अब निष्पक्ष देश नहीं रहा।

रूस ने यूक्रेन पीस समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। रूस का आरोप है कि स्विटजरलैंड अब निष्पक्ष देश नहीं रहा।

रूस बोला- स्विटजरलैंड अब निष्पक्ष देश नहीं रहा
इससे पहले स्विटजरलैंड ने कहा था कि रूस के इस मंच का हिस्सा बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसा लगता है कि वे उनकी इसमें दिलचस्पी नहीं है। दरअसल, रूस ने यूक्रेन पीस समिट के आयोजक स्विटजरलैंड पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह अब निष्पक्ष देश नहीं रहा। रूस ने कहा कि स्विटजरलैंड यूरोपीय यूनियन (EU) के प्रतिबंधों को लागू कर अपनी साख खो चुका है।

इन बड़े देशों के नेता होंगे शामिल
न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 160 से अधिक देशों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया है। राष्ट्रपति एमहर्ड ने कहा कि उन्हें इसे लेकर कोई निराशा नहीं है कि इतने देशों को आमंत्रण भेजे जाने के बाद भी इसमें 100 से भी कम देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक फ्रांससी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज आदि शामिल हो सकते हैं।

यूक्रेन पीस समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के शामिल होने की संभावना है।

यूक्रेन पीस समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के शामिल होने की संभावना है।

स्विस अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को अंतिम लिस्ट आएगी जिसमें पता चलेगा कि आखिर कितने देश इस समिट का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने कहा कि तुर्की, साउथ अफ्रीका और ब्राजील जैसे देशों ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वे इसका हिस्सा बनेंगे या नहीं।

चीन का शांति वार्ता को लेकर क्या है रुख
चीन ने इससे पहले कहा था कि वह तब तक शांति वार्ता में हिस्सा नहीं लेगा जब तक रूस सहित दोनों पक्ष एक साथ बातचीत के लिए नहीं बैठते। चीन ने कहा कि वे शांति वार्ता को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं और उम्मीद करते हैं कि इसका उपयोग दो समूहों में टकराव पैदा करने के लिए नहीं किया जाएगा। चीन ने ये साफ किया कि शांति वार्ता में शामिल होने का मतलब शांति चाहना नहीं है।

भारत शामिल होगा या नहीं इस पर फैसला नहीं
भारत यूक्रेन पीस समिट में हिस्सा ले रहा है या नहीं इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। हालांकि इस सम्मेलन में भारत हिस्सा ले, ये सुनिश्चित करने के लिए पिछले महीने स्विट्जरलैंड के विदेश सचिव अलेक्जेंडर फासेल को नई दिल्ली आए थे। मामले की जानकारी रखने वाले स्विस अधिकारियों ने कहा कि भारत इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा लेकिन किस स्तर पर ये मालूम नहीं चल पाया है।

पीएम मोदी और जयशंकर के शामिल होने की उम्मीद नहीं
अधिकारियों ने कहा कि इसकी संभावना अधिक है कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर जैसे शीर्ष नेता समिट में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के भी स्विट्जरलैंड जाने की उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि डोभाल ने पिछले साल अगस्त में सऊदी अरब की अध्यक्षता में जेद्दा पीस समिट में हिस्सा लिया था।

2022 के बाद से कोपेनहेगन, जेद्दा, माल्टा और दावोस में पीस समिट का आयोजन हो चुका है। अब तक इन समिट्स में पीएम और विदेश मंत्री जैसे शीर्ष नेता शामिल नहीं हुए हैं। ज्यादातर बैठकों का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में सचिव और अन्य अधिकारियों ने ही किया है।

जेलेंस्की ने की थी समिट में शामिल होने की अपील
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बीते गुरुवार को पीएम मोदी को फोन कर लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी थी। इस दौरान उन्होंने पीएम से पीस समिट में भारत के शामिल होने की अपील की थी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन कर शांति वार्ता में भारत की भागीदारी की अपील की।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन कर शांति वार्ता में भारत की भागीदारी की अपील की।

भारत ने अब तक नहीं की रूस की आलोचना
भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अब तक सार्वजनिक रूप से आलोचना नहीं की है। पीएम मोदी दोनों पक्षों से शत्रुता को खत्म करने और समाधान ढूंढने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान कर चुके हैं।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Khabar Today News @2024. All Rights Reserved.

    Designed & Developed by Aurelius Infotech.