Sign Up to Our Newsletter

Be the first to know the latest updates

जन जन की आवाज 
जन जन की आवाज 
देश

बहुत दिक्कत हो रही मीलॉर्ड, आदेश वापस ले लीजिए; CJI चंद्रचूड़ से युवा वकील क्यों लगा रहे गुहार

ऐप पर पढ़ें

CJI DY Chandrachud: देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ से सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने शुक्रवार को गुहार लगाई है कि वो अपना वह आदेश वापस ले लें जिसमें कहा गया है कि सर्विस और लेबर मैटर से जुड़े सभी मामलों को 25 जून से कोर्ट की अवकाश पीठों के समक्ष ही सूचीबद्ध किया जाए। SCAORA ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और उनकी रजिस्ट्री को लिखी एक चिट्ठी में कहा कि इस आदेश की वजह से गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुनवाई के लिए मामलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है और यह अवकाश कालीन पीठों के समक्ष केवल जरूरी मामलों को सूचीबद्ध करने की परंपरा के विपरीत है। 

SCAORA में अधिकांश युवा वकील हैं। इन वकीलों ने सीजेआई से अनुरोध किया है कि इस आदेश के कारण काफी दिक्कतें हो रही हैं। चिट्ठी में लिखा गया है कि वरिष्ठ वकील, उनके कनिष्ठ सहयोगी और साथ ही रजिस्टर्ड क्लर्क गर्मी की छुट्टी के कारण दिल्ली से बाहर यात्रा कर रहे हैं इसलिए उनका फिजिकली या वर्चुअली मामलों में हाजिर हो पाना मुश्किल हो रहा है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, SCAORA ने पत्र में लिखा है कि इस अचानक बदलाव से लीगल कम्युनिटी में परेशानियां और असुविधा हो रही है।

SCAORA सचिव निखिल जैन द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि हालांकि, एसोसिएशन के सदस्य मानते हैं कि कुछ मामले अत्यावश्यक हैं और वादियों की आजीविका के अधिकार (सेवा/श्रम मामलों में उठाया गया) को प्रभावित करने वाले हैं, लेकिन यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है और इन मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की सर्वोत्तम क्षमताओं के अनुसार ही उसकी सुनवाई का तारीख सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह भी अहम बात है कि माननीय न्यायालय के समक्ष  मामलों की की पैरवी करने और बहस करने के लिए पर्याप्त शोध और फाइल वर्क होने चाहिए, जो स्टाफ और वरिष्ठ वकीलों की कमी के कारण पूरा होना मुश्किल सा लगता है। इससे हमारी क्षमता पर सवाल उठते हैं।

SCAORA ने पत्र में लिखा है कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड और वरिष्ठ वकीलों की कमी और अनुपलब्धता त्वरित न्याय दिलाने की बजाय वादियों की उम्मीदों पर पानी पानी फेर सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 जून, 2024 को जारी एक सर्कुलर के माध्यम से आदेश पारित किया है कि 20 जून तक वेरिफाय किए गए सर्विस और लेबर मैटर से जुड़े सभी मामलों की लिस्टिंग अवकाश पीठ के समक्ष 25 जून से होगी। SCAORA ने अपनी चिट्ठी में यह भी गुजारिश की है कि माननीय न्यायाधीशों से अनुरोध किया जाता है कि वे अनुपस्थिति की स्थिति में कोई भी प्रतिकूल आदेश पारित न करें।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Khabar Today News @2024. All Rights Reserved.

    Designed & Developed by Aurelius Infotech.