
बिहार के सीएम नीतीश कुमार शनिवार को दिल्ली आए। जहा पर जनता दल यूनाइटेड पार्टी (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।इसके अलावा इस बैठक में पार्टी ने 3 डिमांड रखी है।
पहली बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना, दूसरी बिहार को विशेष लाभ मिले और तीसरा 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इस बार 3.O की सरकार में पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र में बतौर प्रधानमंत्री तीसरी पारी जेडीयू और टीडीपी के सहारे चल रही है। इस बीच नीतीश कुमार की ये 3 बड़ी मांगें केंद्र को हलचल में डाल दिया है। अब तक नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर कभी भी केंद्र से अड़े नहीं क्योंकि तब बीजेपी अपने दम पर बहुमत थी। लेकिन इस बार पासा पलट गया और अब जेडीयू की बैसाखी उसे सहारा दे रही है।
ऐसे में कयास लगाया जा रहा हैं इस बार नीतीश कुमार केंद्र पर दबाव बना सकते हैं। अगर ऐसा हो गया तो केंद्र में सरकार कभी भी गिर सकती है।दूसरी ओर एक बड़ी मांग आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने के लिए है। जो अभी कुछ दिनों पहले ही पटना हाईकोर्ट ने रद्द किया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आरक्षण और विशेष राज्य के दर्जे की मांगे केंद्र के लिए मुसीबत ना बन जाए। इन मांगों में कभी जेडीयू की सहयोगी रही आरजेडी भी उनके साथ है। वही अगर बात करें नीतीश कुमार की तो ऐसे में यह अनुमान है की अगर सरकार उनकी बात नहीं माने तो वह बाजी पलट सकते हैं। तब यह केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बन जायेगी।