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23 मिनट पहले
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NEET ग्रेस मार्क्स विवाद में अब NCERT ने अपना पक्ष रखते हुए NTA के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि NEET परीक्षा के सवाल आउट ऑफ सिलेबस थे। NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि NTA के ‘आउट ऑफ सिलेबस’ वाले बयान में कोई सच्चाई नहीं है।
सकलानी ने मैसूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, NCERT की संशोधित किताबें, 2020 से ही प्रिंट और ऑनलाइन दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध हैं। हमें नहीं पता कि सवाल बनाने वालों ने 2020 से पहले की किताबों का रेफरेंस क्यों दिया।’

NTA ने कहा था NCERT की किताबों में जानकारी बदली है
दरअसल, NEET परीक्षा के 44 टॉप स्कोरर्स ने NCERT की पुरानी किताब के आधार पर एक फिजिक्स के सवाल का गलत उत्तर दिया था। NTA ने उन सभी को ग्रेस मार्क्स दिए थे। NTA ने कहा था कि हमारे देश में बच्चे अपने बड़े भाई-बहनों की पुरानी किताबों से पढ़ते हैं। चूंकि NCERT की पुरानी और नई किताबों में जानकारी अलग-अलग है, इसलिए इन बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं।

NTA ने सवाल के ऑप्शन 1 को सही माना है
NTA ने कहा था- पुरानी NCERT किताब के मुताबिक हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं जबकि नई NCERT किताब में लिखा है कि ज्यादातर एलिमेंट्स के एटम स्टेबल होते हैं। इस क्वेश्चन के लिए ऑप्शन 1 सही है यानी पहला स्टेटमेंट करेक्ट और दूसरा गलत है। दरअसल, रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स के एटम स्टेबल नहीं होते हैं। ऐसे में ऑप्शन 1 यानी पहला स्टेटमेंट सही है लेकिन दूसरा गलत है, यह इस सवाल का सही जवाब होगा।
44 स्टूडेंट्स को मिले 5 बोनस मार्क्स, स्कोर पहुंचा 720/720
इस वजह से NTA ने उन सभी स्टूडेंट्स को 5 नंबर दिए जिन्होंने दोनों में से किसी भी स्टेटमेंट को मार्क किया था। NTA के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि इस वजह से कम से कम 44 स्टूडेंट्स जो 715 स्कोर कर रहे थे, उनके 5 मार्क्स बढ़ाकर 720 कर दिए गए।

NCERT किताबें ही हैं NEET UG के लिए स्टैंडर्ड सिलेबस : NTA
NTA से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि ये एंट्रेंस एग्जाम के लिए स्टैंडर्ड सिलेबस NCERT किताबें ही हैं इसलिए हमने उन सभी स्टूडेंट्स को बोनस मार्क्स दिए हैं जिन्होंने ऑप्शन 3 मार्क किया था। थर्ड ऑप्शन के हिसाब से 1 और 2 दोनों स्टेटमेंट्स सही हैं।
NTA से जुड़े अधिकारी ने कहा है कि हमारे देश में घर में अगर कोई बड़ा बच्चा है तो उसकी किताबों से छोटे बच्चे भी पढ़ाई करते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। हम सभी ऐसा करते आए हैं। हम स्टूडेंट्स से यह नहीं कह सकते हैं कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए आप हर साल लेटेस्ट एडिशन की किताब खरीदें।
NTA के अधिकारी ने आगे कहा- ऐसी सिचुएशन दोबारा न बने, इसके लिए हम काम करेंगे। फिलहाल, हमने NCERT को बारहवीं की NCERT किताबों के पुराने और नए एडिशन में अंतर को लेकर कुछ नहीं कहा है। इस साल NEET UG का एग्जाम हो चुका है इसमें अब NCERT भी कुछ नहीं कर सकता।

आंसर की में बदलाव होने से बढ़ गई टॉपर्स की संख्या
NTA से जुड़े ऑफिसर ने यह भी कहा कि एकसाथ कई स्टूडेंट्स का 720 स्कोर करने की प्रमुख वजह थी आंसर-की में बदलाव होना। हालांकि, पिछले सालों की तुलना में इस साल क्वेश्चन पेपर भी आसान था और रिकॉर्ड स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। इसका सीधा प्रभाव टॉपर्स की संख्या पर भी पड़ा है।
आंसर-की में बदलाव से रिजर्व्ड सीटों पर फर्क नहीं पड़ेगा
NTA ने स्पष्ट किया है की आंसर-की में हुए बदलाव का किसी भी कैटेगरी के लिए रिजर्व्ड सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। NTA ने कहा है कि जितनी सीटें पहले जनरल कैटेगरी के लिए ओपन हैं या किसी और कैटेगरी के लिए रिजर्व्ड हैं उसमें कोई बदलाव नहीं आएगा। पिछले साल की तुलना में एग्जाम भी आसान था। इस वजह से किसी भी स्टूडेंट को कोई परेशानी नहीं आएगी।

टाई ब्रेकर पॉलिसी की मदद से बनी है मेरिट लिस्ट : NTA
NTA ने ये भी कहा है कि 67 स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल किया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की सभी स्टूडेंट्स को AIIMS में एडमिशन नहीं मिलेगा। ऐसी सिचुएशन के लिए हमारे पास टाई-ब्रेकर पॉलिसी भी है। मेरिट लिस्ट में स्टूडेंट्स ये चेक कर सकते हैं कि उन्होंने वाकई में कितना स्कोर किया है और उनकी पोजिशन कहां है। हर स्टूडेंट के स्कोर कार्ड के सब्जेक्ट वाइज स्कोर की डिटेल्स भी हैं।
2019 के बाद NEET UG में कभी नहीं आए 3 से ज्यादा टॉपर्स
2019 से किसी भी साल NEET UG एग्जाम में तीन से ज्यादा स्टूडेंट्स टॉपर्स नहीं बने हैं। 2019 और 2020 में हर साल सिर्फ एक स्टूडेंट ने एग्जाम में टॉप किया जबकि 2021 में तीन स्टूडेंट्स, 2022 में एक स्टूडेंट और 2023 में दो स्टूडेंट्स ने टॉप किया। NEET UG देश के मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाला एक मात्र एंट्रेंस एग्जाम है।
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