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गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों की हाजिरी 75 फीसदी से कम मिलने के कारण नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने सत्र 2024-25 के लिए परास्नातक (पीजी) की नई सीटों की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने चार विभागों में पीजी की नौ सीटों की बढ़ोतरी की मांग की थी। इसमें पहली बार कॉलेज ने माईक्रोबॉयोलॉजी विभाग में पीजी के लिए आवेदन किया था। इसमें पीजी की तीन सीटों के लिए आवेदन किए गए थे। इसके अलावा रेडियो डायग्नोसिस, ऑर्थोपेडिक और नेत्र रोग विभाग में पीजी की दो-दो सीटें और बढ़ाने की मांग की गई थी।
एनएमसी ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर एईबीएएस पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की हाजिरी मानक से कम पाई है। जिसके कारण 31 मई को पत्र जारी कर बढ़ोत्तरी के आवेदनों को फौरीतौर पर खारिज कर दिया है। वर्तमान में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की तीन, नेत्र रोग विभाग में पांच और हड्डी रोग विभाग में पांच सीटें हैं।
ऑनलाइन हाजिरी को लेकर एनएमसी की सख्ती के बाद कॉलेज प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने इसके लिए मेडिसिन विभाग के डॉ, राजकिशोर सिंह को नोडल इंचार्ज बनाया है। साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों, रेजिडेंट को अनिवार्य तौर पर ऑनलाइन हाजिरी लगाने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षक अब अवकाश भी ऑनलाइन ही ले सकेंगे। जिससे की एनएमसी को इसकी सूचना आधिकारिक तौर पर भेजी जा सके।
बीआरडी ने रखा पक्ष, कहा- मानक नहीं है कम
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों की मान्यता को लेकर उठा विवाद थमता नजर आ रहा है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के कड़े पत्र चेतावनी पत्र के कारण सोमवार को दिनभर कालेज में गहमागहमी रही। कॉलेज प्रशासन ने सोमवार को ऑनलाइन बैठक में एनएमसी के सामने अपने जवाब रखें। इस दौरान एक प्रेजेंटेशन भी प्राचार्य ने एनएमसी के सामने दिया।
दरअसल वर्ष 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए एनएमसी ने ऑनलाइन कॉलेज का निरीक्षण किया था। इस दौरान एनएमसी ने शिक्षकों के कागजात मांगे। उनसे वार्ड में भर्ती मरीजों की सूचना मांगी। एमबीबीएस छात्रों के लिए मौजूद कैडेवर (मृत देह), क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन, रेडियो डायग्नोसिस इन्वेस्टिगेशन, फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम की सूचना मांगी थी।
इसके साथ ही छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के तकनीकी कागजात के साथ परीक्षाओं में एक्सटर्नल एग्जामिनर (वाह्या परीक्षक) की भी जानकारी ली थी। इसके बाद 23 मई को एनएमसी ने एक कड़ा चेतावनी पत्र बीआरडी को जारी किया।
प्राचार्य की ओर से बिन्दुवार दिया गया जवाब
सोमवार को इसको लेकर ऑनलाइन बैठक हुई। बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने एनएमसी के सामने ऑनलाइन बैठक में अपना पक्ष रखा। इस बैठक में एनएमसी के तीन विशेषज्ञ मौजूद रहे। इस दौरान कालेज की तरफ से पक्ष रखने वालों में प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल, नोडल अधिकारी डॉ माधवी सरकारी व डॉ राजकिशोर सिंह मौजूद रहे। प्राचार्य ने आपत्तियों के बिन्दुवार जवाब दिए।